Sunday, September 16, 2018

मेरी कवितायेँ

                         हिंदी हमारी मातृ भाषा


भाषाओं की भाषा हिंदी है
अधिकारों की भाषा हिंदी है

हर वर्ण में वर्ण माला का
द्वार पाठ शाला का
हृदय प्रेम झलाकने का
हर बात को समझाने का

सारों का सार है हिंदी
अपना अधिकार है हिंदी
है भाषाओँ की भाषा हिंदी

हर गली में पलती हिंदी
कूँचों में खिलती हिंदी
त्योहारों में बसती हिंदी
अवसर में आती हिंदी

है ज्ञान की भाषा हिंदी
सम्मान की भाषा हिंदी
प्रेम प्रीत श्रृंगार की भाषा हिंदी
अपमान में आगे आन खड़ी हिंदी

सबको गले लगा कर
खुद आगे आकर
हिन्दुस्तान बनी हिंदी
अपना उपनाम बनी हिंदी

हर भाषा की गोद लिया
ममता और स्नेह दिया
माँ का दूजा रूप है हिंदी
वागेस्वरी का स्वर है हिंदी

उपकारों का एक नाम है हिंदी
सत्कारों में आम है हिंदी
जामों का जाम है हिंदी

खूबसूरती का एक अंजाम है हिंदी
सुरसरी का एक गान है हिंदी
देवों का स्वर बाण है हिंदी
शब्दों की खान है हिंदी

है ज्ञान की भाषा हिंदी
अधिकार की भाषा हिंदी

               

            स्वलिखित

       नेहा शुक्ला

हिंदी दिवस की शुभ कामनाएं

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